भवदीया,
प्रीति महंत
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// प्रेस विज्ञप्ति //
जागरूकता कार्यक्रम के साथ मनाया गया
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
निंबाहेड़ा, 6 मार्च: ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल
(HRPC), राजस्थान राज्य द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक
विद्यालय, रठाजना गांव में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के
अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं के
अधिकारों, सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण को लेकर चर्चा की गई एवं
राज्य में नाम रोशन करने वाली महिलाओं को एचआरपीसी महिला सामाजिक प्रेरणा
सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम
के मुख्य अतिथि केली सरपंच ममता टेलर एवं कली चौकी इंचार्ज एएसआई
विश्वजीत परिहार थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य अध्यक्षा महिला सेल
शिल्पा जैन, राज्य उपाध्यक्ष
संतोष शर्मा, रेखा रानी तिवारी, काउंसलर
सनी सिंघवी, प्रधानाचार्य श्री राम रावत, जिला अध्यक्ष दौलत सिंह तथा बड़ी सादड़ी तहसील अध्यक्ष विनोद सोनी सहित अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित
रहे।
कार्यक्रम
की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात स्कूल प्रशासन द्वारा
सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस दौरान भगवती शर्मा ने
संगठन द्वारा किए गए विभिन्न सामाजिक कार्यों की जानकारी साझा की।
काउंसलर
सनी सिंघवी ने विद्यार्थियों को करियर संबंधी
मार्गदर्शन दिया, जबकि शिल्पा जैन
ने सोशल मीडिया से जुड़ी जागरूकता पर चर्चा की। कार्यक्रम में निंबाहेड़ा हनुमान
मंदिर परिसर में निशुल्क शस्त्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बालिकाओं ने शस्त्र
प्रदर्शन किया, जिससे प्रेरित होकर संगठन की सदस्य भगवती
शर्मा ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
इस
कार्यक्रम में सरपंच ममता टेलर द्वारा विद्यालय की प्रतिभाशाली बालिकाओं
को साइकिल वितरण की गई एवं स्पा हर्बल ब्यूटी पार्लर की संचालिका जाह्नवी
सेन ने गरीब बच्चियों को निशुल्क पार्लर कोर्स सिखाने की घोषणा की।
कार्यक्रम
का मंच संचालन दिव्या सिंघवी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य
द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विजिया जोशी, भगवती शर्मा, वर्षा
चपलोत, अंजू बाबेल, चेतना माली,
लक्ष्मी कोठारी, सीमा जैन, सरिता राणा, जाह्नवी सेन, हेमलता
लड्ढा, दीपक जैन, सतीश लड्ढा, विनोद सोनी, स्कूल स्टाफ एवं ग्रामीण महिलाएं भी उपस्थित रहीं।
HRPC राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा प्रमुख सचिव, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), भारत सरकार को भेजा गया पत्र।
निर्दोष छात्र के प्रति अमानवीय अत्याचार के
विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई, मुआवजा, पुनर्वास एवं भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु तत्काल
प्रभावी कदम उठाने के संबंध में लिखा गया है पत्र।
नई दिल्ली, 24 फरवरी
2025
ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल (HRPC) ने उत्तर
प्रदेश के हरदोई जिले के बिरौरी गांव स्थित एक निजी विद्यालय में कक्षा 3 के मासूम छात्र के साथ हुई अमानवीय घटना को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार
संरक्षण आयोग (NCPCR), भारत सरकार को पत्र भेजकर सख्त
कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि भारत के बाल संरक्षण कानूनों की भी अवहेलना करती है।
पीड़ित छात्र को विद्यालय
के शिक्षक द्वारा क्रूर दंड दिया गया,
जिसमें उसे "मुर्गा" बनने को मजबूर किया गया और फिर
शिक्षक ने उसके ऊपर बैठकर उसे शारीरिक प्रताड़ना दी, जिससे
उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। इतना ही नहीं, शिक्षक ने उसे
जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया। विद्यालय प्रशासन
की लापरवाही इतनी अधिक थी कि बच्चे को समय पर चिकित्सा सहायता तक नहीं दी गई। इस
प्रकार की घटनाएँ बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं
और समाज में शिक्षा व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को उजागर करती हैं।
HRPC ने इस मामले को
गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और शिक्षा
मंत्रालय से दोषियों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की माँग की है। संगठन की
प्रमुख माँगों में दोषी शिक्षक की तत्काल गिरफ्तारी, न्यूनतम
5 वर्षों की सजा और उसे आजीवन शिक्षण कार्य से प्रतिबंधित
करना शामिल है। इसके अलावा, पीड़ित छात्र को ₹5 लाख का मुआवजा देने, उसकी संपूर्ण चिकित्सा, शिक्षा और पुनर्वास की जिम्मेदारी सरकार द्वारा लेने की मांग की गई है।
विद्यालय प्रशासन की
लापरवाही को देखते हुए HRPC
ने विद्यालय की मान्यता तत्काल रद्द करने और प्रबंधन की भूमिका की
निष्पक्ष जांच कर दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ
ही, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने
के लिए देशभर के विद्यालयों में कठोर दिशानिर्देश लागू करने की सिफारिश की गई है।
इस संदर्भ में सभी विद्यालयों में बाल संरक्षण समितियाँ गठित करने, शिक्षकों और प्रशासन के लिए अनिवार्य मानवाधिकार एवं बाल संरक्षण
प्रशिक्षण लागू करने तथा विद्यालयों में सीसीटीवी निगरानी प्रणाली स्थापित करने का
प्रस्ताव रखा गया है।
HRPC की राष्ट्रीय
सचिव, सुश्री रश्मि बाला ने इस घटना को समाज और न्याय
व्यवस्था की परीक्षा बताते हुए कहा कि सरकार और संबंधित विभागों को इस मामले में
तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने अपील की कि दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाए
और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
हम अक्सर देखते आए हैं कि ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल मानवाधिकार संरक्षण के लिए भारत में कार्यरत एक प्रतिष्ठित संस्था है, जो आए दिन इस प्रकार के मामलों के लिए आवाज उठाती रहती है। संस्था ने हजारों लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शासन-प्रशासन के साथ मिलकर कदम उठाए हैं।
भवदीया,
रश्मि बाला
राष्ट्रीय सचिव
ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल (एचआरपीसी)
ह्यूमन राइट्स
प्रोटेक्शन सेल
राष्ट्रीय
कार्यालय ने गृह मंत्रालय,
भारत
सरकार को लिखा पत्र।
देश में अश्लीलता फैलाने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही एवं भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकने हेतु कठोर कानून बनाने के संबंध में लिखा गया है पत्र।
ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल (एचआरपीसी) की राष्ट्रीय सचिव सुश्री रश्मि बाला ने गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा अश्लील एवं अनैतिक सामग्री के प्रसार के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की माँग की है। इस पत्र में उन्होंने इस प्रकार की डिजिटल सामग्री के युवाओं पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव और भारतीय संस्कृति के ह्रास पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
मुख्य
बिंदु:
1. कुछ
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स अपने व्यक्तिगत एवं आर्थिक लाभ के लिए अश्लील एवं
अनैतिक कंटेंट का निर्माण कर रहे हैं।
2. यह
प्रवृत्ति भारतीय संस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों के लिए घातक साबित हो रही है।
3. डिजिटल
माध्यमों पर नशे, अवैध गतिविधियों
और महिलाओं के प्रति अपमानजनक कंटेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है।
4. इस तरह की सामग्री भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दंडनीय होनी चाहिए।
एचआरपीसी द्वारा
दिए गए सुझाव:
1. सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील और अनैतिक कंटेंट पोस्ट करने वालों के विरुद्ध सख्त
कानूनी कार्रवाई की जाए।
2. डिजिटल
सामग्री को नियंत्रित करने के लिए साइबर कानूनों को और कठोर बनाया जाए।
3. सोशल
मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए जाएँ कि वे इस तरह की सामग्री को तुरंत ब्लॉक
करें।
4. डिजिटल
कंटेंट की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया जाए।
5. भारतीय संस्कृति और नैतिकता के विरुद्ध कंटेंट पोस्ट करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
सुश्री रश्मि बाला ने कहा, "यदि इस विषय पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो सामाजिक मूल्यों एवं नैतिकता का पतन होगा, जिससे युवा पीढ़ी गलत दिशा में अग्रसर होगी। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि इस विषय पर तत्काल संज्ञान लिया जाए।
हम अक्सर देखते आए
हैं कि ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल मानवाधिकार संरक्षण के लिए भारत में कार्यरत
एक प्रतिष्ठित संस्था है, जो आए दिन इस
प्रकार के मामलों के लिए आवाज उठाती रहती है। संस्था ने हजारों लोगों के
मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शासन-प्रशासन
के साथ मिलकर कदम उठाए हैं।
भवदीया,
रश्मि बाला
राष्ट्रीय सचिव
ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेल (एचआरपीसी)